इमरजेंसी लैंडिंग के 16 घंटे बाद मुनस्यारी पहुंचे मुख्य चुनाव आयुक्त

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देहरादून । इमरजेंसी लैंडिंग के बाद उत्तराखंड की पिथौरागढ़ जिले में चीन के कब्जे वाले तिब्बत बॉर्डर के नजदीक फंसे भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार मुनस्यारी आ गए हैं। सीईसी राजीव कुमार समेत कुल पांच लोग करीब 16 घंटे बाद हेलीकॉप्टर से सुरक्षित मुनस्यारी लैंड कर गए हैं। भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने साथ के लोगों संग बुधवार रात पिथौरागढ़ जिले के सुदूर रालम गांव के एक घर में बिताई। आज गुरुवार सुबह मौसम साफ होने पर सीईसी को लेकर हेलीकॉप्टर मुनस्यारी हेलीपैड पर लैंड हुआ। बुधवार को मिलम की ओर जाते वक्त खराब मौसम के चलते हेलीकॉप्टर ने रालम में इमरजेंसी लैंडिंग की थी।
उनके साथ उत्तराखंड के अपर मुख्य निर्वाचन अधिकारी विजय कुमार जोगदंडे और सीईसी के पीएसओ नवीन कुमार भी थे। बुधवार को हेलीकॉप्टर की इमरजेंसी लैंडिंग केबाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने अपने साथ वहां गए लोगों के साथ उच्च हिमालई क्षेत्र में स्थित पिथौरागढ़ जिले के रालम गांव में रात बिताई। गुरुवार सुबह करीब 6ः30 बजे सीईसी का हेलीकॉप्टर मुनस्यारी हेलीपैड पर लैंड हुआ। हेलीपैड पर पिथौरागढ़ के प्रशानिक अधिकारियों समेत आईटीबीपी और बीआरओ के अधिकारी और कर्मचारी मौजूद थे। मुनस्यारी हेलीपैड से मुख्य निर्वाचन आयुक्त आईटीबीपी कैंप चले गए।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के पांच दिवसीय दौरे में उच्च हिमालयी क्षेत्र के करीब पहुंचने से शुरू हुए मौसम का खलल रात होने तक जारी रहा। पहले मौसम खराब होने से रालम गांव में हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिग करानी पड़ी। बाद में शाम को एकाएक बारिश शुरू हो गई। इससे मौसम ठंडा हो गया। माइग्रेशन से वापस लौटे ग्रामीणों ने बताया कि बारिश होते ही रालम में न्यूनतम तापमान पांच डिग्री तक पहुंच जाता है। मुख्य चुनाव आयुक्त को भी इस ठंड से गुजरना पड़ा। जहां मुख्य चुनाव आयुक्त और उनके साथ के लोग रुके थे, वहां पर बिजली और फोन की कोई व्यवस्था नहीं थी। दरअसल उच्च हिमालयी क्षेत्रों में बुधवार को मौसम की शुरुआत यूं तो धूप से हुई, लेकिन शाम होते-होते यहां मौसम का मिजाज बदल गया था। बुधवार को चार बजे के करीब रालम समेत अन्य उच्च हिमालयी क्षेत्रों में झमाझम बारिश शुरू हो गई। क्षेत्र पंचायत सदस्य मंजू देवी ने बताया कि ठंड बढ़ने पर यहां जनजीवन प्रभावित हुआ। मुनस्यारी से रालम की दूरी 30 किलोमीटर है। रालम में मुख्य चुनाव आयुक्त के फंसे होने की सूचना के बाद प्रशासन में खलबली मची हुई थी। चीन के कब्जे वाले तिब्बत की सीमा से लगे पिथौरागढ़ जिले के इस सुदूर इलाके में देश के आजाद होने के बाद भी माइग्रेशन होता है। रालम में रहने वाले लोगों को बिजली संकट से जूझना पड़ता है। शासन-प्रशासन रालम गांव को आज भी बिजली सेवा से नहीं जोड़ सके हैं। इसका खामियाजा अब तक ग्रामीण ही झेल रहे थे, लेकिन हेलीकॉप्टर की आपात लैंडिग के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य लोगों को भी इस समस्या से जूझना पड़ा।
मदद पहुंचने में होने वाली देरी से रालम में फंसे सीईसी समेत सभी पांच लोगों के लिए गांव में रात गुजरना ही आखिरी विकल्प था। कुमाऊं मंडल के आयुक्त दीपक रावत के अनुसार टीम के लिए गांव में एक घर भी खुलवाया गया था। चीन सीमा के नजदीक बसे इस गांव में प्रतिवर्ष अप्रैल से अक्तूबर प्रथम सप्ताह तक तीन हजार से अधिक लोग माइग्रेट होकर पहुंचते हैं। करीब साढ़े चार माह तक ग्रामीण रालम में ही रहते हैं। पूर्व प्रधान ईश्वर नबियाल बताते हैं कि चार्जेबल एलईडी लाइट लेकर वह अपने घरों को रोशन करते हैं। आज गुरुवार सुबह मुनस्यारी हैलीपैड पर मुख्य विकास अधिकारी डॉ दीपक सैनी के नेतृत्व में स्वास्थ्य विभाग सहित पुलिस और आईटीबीपी के जवान पहुंचे थे। जहां पर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार पहुंचे और उनका हालचाल जाना। सभी लोग सकुशल और स्वस्थ हैं।

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