चुनाव संपंन होने के बाद अब जीत हार की गणित शुरू

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-गढ़वाल सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर
-रुद्रप्रयाग में इस बार मतदान प्रतिशत भी रहा कम

देहरादून। उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव संपंन होने के बाद अब परिणाम को लेकर चर्चा शुरू हो गई है। हालांकि पिछले चुनावों के मुकाबले इस बार मत प्रतिशत कम रहा है। शादी-विवाह का सीजन होने के कारण अधिकांश लोग मतदान नहीं कर पाये। प्रशासन की ओर से भी शत-प्रतिशत मतदान को लेकर तमाम प्रयाय किये गये थे, बाबजूद इसके मतदान प्रतिशत कम रहा। रुद्रप्रयाग जनपद में 57 प्रतिशत के आस-पास ही मतदान हो पाया।
उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव संपंन हो गये हैं। इस बार गढ़वाल संसदीय सीट पर भाजपा और कांग्रेस के बीच कड़ा मुकाबला देखने को मिला है। दोनों ही उम्मीदवारों ने यहां कड़ी मेहनत की है। इस चुनाव में सबसे बड़ी बात यह रही कि जनता मौन रही। ऐसे में उम्मीदवारों से लेकर कार्यकर्ता भी मतदाता के मन को नहीं समझ पाये। भाजपा ने पूर्व राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी तो कांग्रेस ने पूर्व कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल को गढ़वाल लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा था। भाजपा जहां केन्द्र व प्रदेश सरकार की नीतियों को लेकर जनता के बीच पहुंची थी। कांग्रेस महगाईं, बेरोजगारी, अग्निवीर योजना और अंकिता भंडारी हत्याकांड जैसे मुददांे को लेकर जनता को लुभाने का प्रयास कर रही थी। भाजपा के चुनावी अभियान में यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ, केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, राजनाथ सिंह सहित अन्य बड़े स्टार प्रचारक गढ़वाल की जनता से वोट मांगने आये तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी स्थानीय नेताओं के साथ ही जनता के बीच जाते रहे। कांग्रेस की ओर से काई भी स्टर प्रचारक गढ़वाल क्षेत्र में नहीं आया। इस सबके के बावजूद गढ़वाल सीट का मुकाबला रौचक है। 19 अप्रैल को गढ़वाल संसदीय सीट पर वोट प्रतिशत कम रहा है। अगर रुद्रप्रयाग जनपद की बात करें तो मतदान 57 प्रतिशत के आस-पास ही हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार मतदाता खुलकर सामने नहीं आये। ऐसे में अभी स्पष्ट अनुमान नहीं लगाया जा रहा है। हालांकि कांग्रेस और भाजपा के स्थानीय नेता अपनी-अपनी जीत सुनिश्चित बता रहे हैं।
भाजपा की जीत सुनिश्चित है और मतदान के दिन भी जनता ने बता दिया है कि एक बार फिर से भाजपा की सरकार आएगी। आयुष्ममान, मुफ्त राशन, पेंशन, उज्वला आदि योजनाओं से प्रेरित होकर जनता ने भाजपा को वोट दिया है। गढ़वाल की जनता देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के कार्यों से बेहद खुश है और अब अनिल बलूनी संसद में पहुंचकर गढ़वाल की समस्याओं का निराकरण करेंगे।

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