नाबार्ड की ऋण योजना के आवंटन के लिए प्रत्येक बैंक ब्रांच को एक निश्चित टारगेट के साथ काम करना होगाः सीएम
1 min read-मुख्यमंत्री ने नाबार्ड की स्टेट क्रेडिट सेमिनार में प्रतिभाग किया
-प्रदेश के शहरी और ग्रामीण इलाकों का समान रूप से विकास चाहती है राज्य सरकार
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को नाबार्ड के तत्वावधान में एक स्थानीय होटल में आयोजित स्टेट क्रेडिट सेमिनार में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने स्टेट फोकस पालिसी पेपर 2024-25 का अनावरण भी किया। मुख्यमंत्री ने नाबार्ड का विशेष आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उत्तराखण्ड में कृषि, बागवानी तथा छोटे और मध्यम क्षेत्र के उद्योगों के विकास के लिए नाबार्ड ने इस वर्ष चालीस हजार करोड़ रूपये की ऋण योजना तैयार की है, जो कि पिछले वर्ष की तुलना में साढ़े तैतीस प्रतिशत अधिक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि यह हमारे छोटे किसानों तथा छोटे व मझौले उद्योगों में लगे लोगों के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि इस ऋण व्यवस्था की सही निगरानी भी अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ऋण, लोन या क्रेडिट को जरूरतमंद और योग्य लोगों तक सरलता से पहुंचाने में सबसे बड़ी भूमिका बैंकों की है। बैंकों को ध्यान देना होगा कि जरूरतमंद और योग्य लोगों को ऋण सम्बन्धित औपचारिकताओं के लिए अनावश्यक न भटकना पड़े। इसके लिए बैंकों को मिशन मोड पर काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि नारी शक्ति वंदन विधेयक संसद के दोनों सदनों में पारित हो चुका है। राज्य सरकार भी उत्तराखंड में महिलाओं को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत का आरक्षण प्रदान कर रही है। उन्होंने नाबार्ड के अधिकारियों से कहा कि प्रदेश की महिलाओं हेतु विशेष योजना प्रारंभ करें ताकि महिलाओं को भी इन योजनाओं का अधिक लाभ मिल सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में उन्होंने टिहरी जिले की लाभार्थी महिलाओं से संवाद किया। उनके द्वारा बताया गया कि सशक्त बहना उत्सव योजना से विपणन में उन्हें काफी मदद मिली है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस तरह की योजनाओं के लिए बैंकों से ऋण लेने के लिए सरलीकरण होना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि कई बार देखा गया है कि जो लोग वास्तव में कुछ करना चाहते हैं वे कई बार लोन लेने से वंचित रह जाते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में पलायन रोकने हेतु पलायन निवारण आयोग का गठन किया। उन्होंने आह्वान किया कि पर्वतीय क्षेत्रों में ऋण आवंटन हेतु विशेष अभियान चलाया जाए। ऋण जरूरतमंद लोगों को आसानी से मिल सके, इसके लिए बेहतर व्यवस्था की जाए। इस कार्य में बैंकों की बहुत बड़ी भूमिका होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि रिवर्स पलायन की दिशा में सरकार निरंतर कार्य कर रही है, बैंक भी इस कार्य में भागीदार बनें। उन्होंने कहा कि नाबार्ड की ऋण योजना के आवंटन के लिए प्रत्येक बैंक ब्रांच को एक निश्चित टारगेट के साथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण और पिछड़े इलाकों का विकास जरूरी है, यह हमारे रिवर्स पलायन मिशन के लिए भी अति आवश्यक है। राज्य सरकार लगातार ग्रामीण इलाकों में आधारभूत सुविधाओं, सड़क, कनेक्टिविटी आदि को मजबूत करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे राज्य की जलवायु और भौगोलिक परिस्थिति बागवानी, ऐरोमेटिक प्लांट्स, मेडिसनल प्लांट्स, डेयरी, फिशरीज, मधुमक्खी पालन, मशरूम पालन तथा जैविक कृषि के लिए सर्वाधिक अनुकूल है। इन क्षेत्रों में ऋण प्रवाह बढ़ाने के लिए भी बैंक विशेष कैंप चला सकते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा विकसित भारत संकल्प यात्रा का मुख्य उद्धेश्य,सरकार की योजनाओं को उन कमजोर लोगों तक पहुंचाना है। उन्होंने सभी हितधारकों, विभागों व बैंकों से अपील करते हुए कहा कि इस यात्रा में बढ़चढ़ कर भाग लें, लोगों को जागरूक बनाएं तथा सरकार की योजनाओं को आमजन तक पहुँचाने में सक्रिय भूमिका निभाएँ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने किसानों की आय दुगुनी करने का लक्ष्य दिया है। राज्य सरकार इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए निरंतर कार्य कर रही है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने पिछले दिनों बड़े स्तर पर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया। जिसका मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड को एक निवेश गंतव्य के रूप में स्थापित करना था, हमारा यह प्रयास सफल भी रहा। प्रधानमंत्री श्री मोदी ने इस समिट में देश दुनिया के लोगों से विशेष अपील की थी कि वे उत्तराखंड में आकर डेस्टिनेशन वेडिंग करें, अब इसके सकारात्मक परिणाम भी दिख रहे हैं। इस दौरान नाबार्ड के मुख्य महाप्रबंधक वीके बिष्ट ने नाबार्ड द्वारा प्रदेश में संचालित विभिन्न गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, डॉ. धन सिंह रावत, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी, आनंद बर्द्धन, सचिव बी.वी.आर.सी पुरूषोत्तम, एच.सी.सेमवाल, एस.एन. पाण्डेय, विभिन्न विभागों एवं बैंकों के प्रतिनिधिगण आदि भी उपस्थित रहे।