टीएचडीसीआईएल ने टिहरी में 27वें आईसीपीएसयू कैरम टूर्नामेंट का उद्घाटन किया
1 min readऋषिकेश। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड की टिहरी परियोजना, उत्तराखंड में 27वें अंतर केन्द्रीय विद्युत क्षेत्र उपक्रम (आईसीपीएसयू) कैरम टूर्नामेंट का उत्साहपूर्वक शुभारंभ किया गया। विद्युत मंत्रालय (एमओपी) के तहत पावर स्पोर्ट्स कंट्रोल बोर्ड (पीएससीबी) के सम्मानित बैनर तले यह पांच दिवसीय कैरम टुर्नामेंट 18 जून से 22 जून, 2024 तक आयोजित किया जा रहा है, इस दौरान विभिन्न रोमांचक मैचों एवं प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा।
टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक आर.के.विश्नोई ने पावर सेक्टर की विभिन्न पीएसयू जैसे विद्युत मंत्रालय (एमओपी), केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) सहित कुल 12 टीम्स जैसे भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (बीबीएमबी), नेशनल हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन (एनएचपीसी), ग्रिड इंडिया, सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल), नॉर्थ ईस्टर्न इलेक्ट्रिक पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (नीपको), पावर फाइनेंस कॉरपोरेशन (पीएफसी), रूरल इलेक्ट्रिफिकेशन कॉरपोरेशन लिमिटेड (आरईसी), पावर ग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल), दामोदर वैली कॉरपोरेशन (डीवीसी) एवं मेजबान टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) की टीम की प्रतिभागिता की सराहना की।
श्री विश्नोई ने प्रतिभागी टीमों के मध्य एकता, स्वस्थ प्रतिस्पर्धा और खेल भावना को बढ़ावा देने में टूर्नामेंट के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने सभी खिलाड़ियों को निष्पक्ष खेल और सौहार्दपूर्ण वातावरण के लिए प्रोत्साहित करते हुए, इस बात पर बल दिया कि इस प्रकार के आयोजन कर्मचारियों को उनकी पेशेवर भूमिकाओं के अतिरिक्त अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक विशेष मंच प्रदान करते हैं। शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक) ने एल. पी. जोशी, कार्यपालक निदेशक (टिहरी कॉम्प्लेक्स) और टीएचडीसीआईएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में इस 05 दिवसीय टूर्नामेंट का उद्घाटन किया। दर्शकों को संबोधित करते हुए श्री सिंह ने राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने और देशभक्ति की भावना में वृद्धि हेतु खेलों के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने सभी प्रतिभागियों से इस प्रकार के आयोजनों में सक्रिय रूप से समर्थन और भाग लेने का आग्रह किया। श्री सिंह ने कर्मचारियों के समग्र विकास को बढ़ावा देने के साथ ही कार्यस्थल पर मनोबल बढ़ाने में खेलों की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने इस टूर्नामेंट को न केवल एक खेल आयोजन के रूप में रेखांकित किया, बल्कि प्रतिभा को निखारने और टीम वर्क तथा उत्कृष्टता की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए विद्युत क्षेत्र की प्रतिबद्धता का एक प्रमाण भी बताया। श्री सिंह ने कहा खेल एक एकीकृत शक्ति के रूप में काम करते हैं, जो विभिन्न पृष्ठभूमि के व्यक्तियों को एक ही स्थान पर एकत्रित करते हैं। आईसीपीएसयू कैरम टूर्नामेंट जैसे आयोजन न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को प्रोत्साहित करते हैं बल्कि प्रतिभागियों के मध्य अनुशासन, उदारता एवं खेल कौशल जैसे गुणों को भी विकसित करते हैं। श्री सिंह ने सभी प्रतिभागियों से पूरे टूर्नामेंट के दौरान विद्युत क्षेत्र के मूल लोकाचार निष्पक्ष खेल और आपसी सम्मान के मुख्य मूल्यों को अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि यह आयोजन न केवल असाधारण खेल कौशल का प्रदर्शन करेगा बल्कि व्यवसायिक संबंधों को भी सुदृढ़ता प्रदान करेगा। कैरम टूर्नामेंट के शुभारंभ समारोह के अवसर पर विभिन्न सांस्कृतिक गतिविधियाँ भी आयोजित की गयीं। एल. पी. जोशी, कार्यपालक निदेशक (टिहरी काम्प्लेक्स) द्वारा स्वागत संबोधन दिया गया व डॉ. ऐ. एन त्रिपाठी, महाप्रबन्धक (मा. सं. एवं प्रशा. और केन्द्रीय संचार) द्वारा धन्यवाद ज्ञापन उक्त अवसर पर दिया गया। टीएचडीसीआईएल ने न केवल जल विद्युत उत्पादन में बल्कि नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्र में प्रवेश कर अपनी देशव्यापी उपस्थिति दर्ज करते हुए उल्लेखनीय स्थान हासिल किया है। वर्तमान में, टीएचडीसीआईएल को केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम (सीपीएसयू) के अंतर्गत अनुसूची श्एश् मिनी रत्न श्रेणी-प् का दर्जा प्राप्त है। वर्तमान में कंपनी जल विद्युत, पवन एवं सौर ऊर्जा सहित 1587 मेगावाट का विद्युत उत्पादन कर रही है। इसके अलावा, टीएचडीसीआईएल अपनी क्षमताओं में अभिवृद्धि करने की प्रक्रिया में है, जिसमें शीघ्र ही 1000 मेगावाट के टिहरी पंप स्टोरेज प्लांट सहित जलविद्युत क्षमता में 1444 मेगावाट की वृद्धि होने कर उम्मीद है। इसके अलावा उत्तर प्रदेश राज्य के बुलंदशहर जिले के खुर्जा में 1320 मेगावाट का खुर्जा उच्च ताप विद्युत परियोजना भी निर्माण के अंतिम चरण में। यह भी उल्लेखनीय है कि टीएचडीसीआईएल के पास मध्य प्रदेश के अमेलिया में परिचालन कोयला खदानें हैं, जिनका वाणिज्यिक परिचालन अपने निर्धारित समय से छह माह पूर्व शुरू हो गया है, जिसे टीएचडीसीआईएल की एक विशेष उपलब्धि के रूप में देखा जा रहा है।